नूतन में शिक्षक दिवस पर पर्यावरण संरक्षण एवं जीवन बोध कार्यक्रम का हुआ आयोजन
जयपुर ग्रामीण संवाददाता मनोज कुमार टांक की रिपोर्ट
शाहपुरा (जयपुर ग्रामीण)
नूतन विद्या मन्दिर उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक दिवस पर पर्यावरण संरक्षण एवं जीवनबोध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता प्रधानाचार्य अनिता टेलर ने डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अहंकार के दो स्वरुप-अभिमान और स्वाभिमान हैं। अभिमान मनुष्य को अकड़ और घमण्ड देता है और स्वाभिमान मनुष्य को आत्म-सम्मान देता है। कठोर परिश्रम, अनुभव और विपदाओं से गुजरे बिना प्रगति संभव नहीं है। शिक्षक एक शिल्पकार है उसकी हथौड़ी की चोट सहे बिना कोई भी पत्थर प्रतिमा नहीं बनता है। शिक्षक और सड़क दोनों एक जैसे होते हैं। स्वयं जहाँ हैं वहीं रहते हैं मगर दूसरों को मंजिल पर पहुँचा देते हैं। इसलिए संकल्प शक्ति को मजबूत बनाने के लिए काम के प्रति हमारी रुचि होनी चाहिए। इससे बौद्धिकता और व्यावहारिकता विकसित होती है।
एडमिस्ट्रिेटर अविरल वर्मा ने कहा कि वृक्ष पृथ्वी का श्रृंगार एवं पर्यावरण का प्यूरीफायर है। इसलिए प्रकृति में वृक्षों का भण्डार होना जरुरी है। पेड़-पौधों के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है। वर्तमान युग में केवल पौधारोपण ही पर्याप्त नहीं है, अपितु हमें पौधों के संरक्षण व सुरक्षा का दायित्व भी निभाना होगा। आधुनिकता व भौतिकता के नाम पर वृक्षों का मानव द्वारा अति दोहन पर्यावरणीय प्रदूषण तथा प्रकृति के असंतुलन का मूल कारण है। जीवन में एक व्यक्ति को एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। पेड़ लगाने और उनके संरक्षण के प्रति जागरुक होना जरुरी है तभी शिक्षक दिवस की सार्थकता है।
निदेशक विश्वनाथ वर्मा ने बताया कि नशा समाज में चारित्रिक पतन, साइबर क्राइम एवं अपराध का मुख्य कारण है। देश की सम्पदा जो युवा पीढ़ी है सर्वाधिक इसका शिकार हो रही है। नशे के विभत्स परिणाम से पूरा विश्व प्रभावित है। शिक्षक दिवस पर विद्यार्थी द्वारा व्यसन मुक्त संकल्प ही गुरु की पूजा है।
प्रधानाचार्य अंग्रेजी माध्यम जितेन्द्रनाथ त्रिपाठी ने मादक पदार्थों के सेवन एवं पर्यावरण प्रदूषण के दुष्परिणाम विषय पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर शिक्षक सम्मान एवं वृक्षारोपण भी किया गया