नूतन स्कूल में उत्कृष्ट शिक्षण का आधार अंतरात्मा की शक्ति विषय पर सेमीनार हुई।
जयपुर ग्रामीण संवाददाता मनोज कुमार टांक की रिपोर्ट
शाहपुरा (जयपुर ग्रामीण)
नूतन वि़द्या मन्दिर में सहजयोग दायिनी पूज्य माताजी निर्मला देवी द्वारा प्रणित उत्कृष्ट शिक्षण का आधार अंतरात्मा की शक्ति विषय पर आध्यात्मिक संगोष्ठी हुई।
मुख्य वक्ता निदेशक विश्वनाथ वर्मा ने कहा कि मनुष्य की चेतना समान है कुछ लोग सही दिशा में कार्य करते हैं अन्य व्यर्थ बातों और निष्क्रिय प्रयोजनों में लगे रहते हैं जबकि हम सभी को उत्कृष्टता का पक्षधर होकर सत्यता एवं ईमानदारी से जीवन जीना चाहिए।
जीवन की मूलभूत धरोहर आत्मसम्पदा का संरक्षण है यही हमारा चिन्तन होना चाहिए तथा उत्कृष्ट शिक्षण ही शिक्षक के जीवन की पहचान है। प्रभावी शिक्षण के लिए अपने स्वभाव को दूषित विचारणाओं-विषयों, दुर्भावनाओं एवं अनुचित महत्वाकांक्षाओं से दूर रखना होगा।
एडमिनिस्टेटर अविरल वर्मा ने मोटिवेशनल उद्बोधन में संदेश दिया कि भारत में विद्या को धरोहर तथा आत्मोत्कर्ष का मार्ग माना गया है। आधुनिकी के इस दौर में पथ भ्रमित होती युवा चेतना को सहेजकर संस्कारवान बनाने की आवश्यकता है इसके लिए शिक्षक की मनोभूमि परिष्कृत हो।
कार्यक्रम संयोजक प्रधानाचार्य जितेन्द्रनाथ त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षा समाज को भेदभाव नहीं करने के लिए प्रेरित करती है। इस विद्यालय के योग्य एवं सद्भावी शिक्षकों की टीम ने क्षेत्र में सामाजिक न्याय, आत्मानुशासन एवं समरसता स्थापित कर अपनी पहचान बनाई है।
इस अवसर पर विद्यालय शिक्षक एवं कार्मिक उपस्थित रहे। परिचर्चा के अन्त में समस्त स्टाफ को अल्पाहार कराया गया।