राजस्थान आईएमए की स्टेट शाखा प्रतिनिधि मंडल ने गृह एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य शासन सचिव को चिकित्सकों की सुरक्षा बाबत सौंपा मांग पत्र।
जयपुर ग्रामीण संवाददाता मनोज कुमार टांक की रिपोर्ट
राजस्थान आईएमए की स्टेट शाखा के प्रतिनिधि मंडल ने शासन सचिवालय जयपुर में अतिरिक्त मुख्य शासन सचिव गृह एवं अतिरिक्त मुख्य शासन सचिव स्वास्थ्य से मुलाकात करके राजस्थान भर में चिकित्सकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
दोनों अधिकारियों को इस बाबत एक मांग पत्र दिया गया जिसमें समस्त चिकित्सा संस्थानों को सुरक्षा प्रदान किए जाने के लिए निवेदन किया गया और यह बताया गया है कि यदि सुरक्षित वातावरण में चिकित्सक इलाज करते हैं तो वह देश और समाज के लिए हितकारी रहेगा। जिसके लिए उपयुक्त सुरक्षा प्रदान करें जाने के साधन किए जाने चाहिए। अभी तक जो केंद्र सरकार ने और केंद्रीय गृह मंत्रालय जो आदेश प्रसारित किए हैं उसमें केवल 100 बेड और उससे बड़े अस्पतालों के लिए और सभी राजकीय अस्पतालों के लिए सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।प्रतिनिधिमंडल ने यह बताया कि सुरक्षा की जो चिंता है वह छोटे क्लीनिक, छोटे नर्सिंग होम, मंझले अस्पताल पर ज्यादा है। वहां पर रोगी के परिजन तुरंत आक्रामक मुद्रा में हो जाते हैं और वहां की सुरक्षा भी आवश्यक है साथ ही उन्होंने 2008 का जो चिकित्सा संस्थान अधिनियम उसकी भी प्रति अपने सुझाव के साथ एक नए प्रस्तावित प्रारूप के रूप में अधिकारियों को दी ।
इस सुरक्षा कानून को नए प्रकार से बनाए जाने की आवश्यकता है जैसा कुछ राज्यों में किया गया है। जैसे की कर्नाटक, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, केरल आदि । प्रमुख प्रारूप का मुख्य उद्देश्य है कि सभी चिकित्सा संस्थानों में कार्य कर रहे रेजिडेंट चिकित्सक, चिकित्सा अधिकारी, सरकारी चिकित्सक, निजी चिकित्सक, मेडिकल टीचर्स, महिला चिकित्सक, महिला रेजिडेंट डॉक्टर, स्टाफ, हॉस्पिटल आदि सभी की सुरक्षा की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने SOP जो राजस्थान में दी गई है गृह विभाग द्वारा उसको भी एक बेहतर रूप में जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारियों एवं पुलिस प्रशासन को भेजने के लिए निवेदन किया, साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया की अधिकारियों के स्थानान्तरण, पोस्टिंग होते हैं तो उनको यह बार-बार समय पर आदेश गृह विभाग की तरफ से मिलता रहे कि चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए क्या-क्या अधिनियम अभी राज्य में प्रस्तावित है और इन सुरक्षा अधिनियम के तहत उन्हें अस्पतालों को सुरक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने अपने मांग पत्र के साथ में देश के विभिन्न राज्यों में लागू सुरक्षा कानून की प्रतिया भी अधिकारियों को उपलब्ध कराई और केंद्रीय स्तर पर प्रस्तावित सुरक्षा कानून के लिए भी उन्होंने साथ में परिपत्र दिया, साथ ही दोनों अधिकारियों से बड़े सौहार्दपूर्ण वातावरण में प्रतिनिधिमंडल की बातचीत हुई और उसके साथ उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही हम इस बारे में एक बैठक आपके प्रतिनिधियों के साथ तुरंत करने जा रहे हैं ताकि इन प्रावधानों को प्रभावी तरीके से हम लागू कर सकें। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल में सम्मिलित राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ अशोक शारदा, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रजनीश शर्मा, प्रेसिडेंट इलेक्ट डॉक्टर एमपी शर्मा, लीगल कमेटी अध्यक्ष डॉक्टर राहुल कट्टा, प्रांत आईएम के कोषाध्यक्ष डॉक्टर एनके अग्रवाल, प्रांत आईएम ए के जनरल एग्जीक्यूटिव और जयपुर शाखा के महासचिव डॉक्टर अनुराग शर्मा सम्मिलित रहे। पूरे दिन की इस कार्रवाई में सभी अधिकारियों के साथ बहुत ही सकारात्मक वार्ता जन स्वास्थ्य के लिए हुई। साथ ही जयपुर विकास प्राधिकरण के सचिव हेमपुष्पा शर्मा से भी मुलाकात की और मुलाकात करके उन्हें आई एम ए हेड क्वार्टर स्टेट का जयपुर में प्रस्तावित भवन के लिए भी भूमि आवंटन के लिए निवेदन किया तो वह एक उपयुक्त स्थान पर वाजिब दर पर एक भूमि राज्य आईएम को उपलब्ध कराए ताकि राज्य से आने वाले चिकित्सक, वर्कशॉप में, सेमिनार में सब भाग ले सके और जनहित के कार्य जैसे हेल्थ एजुकेशन, मीटिंग और वैक्सीनेशन कैंप से जनजागरण के कार्यक्रम स्वास्थ्य के क्षेत्र में चला सके। प्रतिनिधिमंडल ने उनसे निवेदन किया कि अस्पतालों की और नर्सिंग होम की महती आवश्यकता जनता के बीच है आवासीय कॉलोनी के बीच में ही अस्पताल और नर्सिंग होम्स को राज्य में नियमित करना चाहिए और उनके साथ में सड़क और जमीन के नाप की जो बाध्यता है उसको कम करना चाहिए ताकि एक आम नागरिक को उनके कॉलोनी में उनके द्वारा पर एक सस्ती और अच्छी प्रामाणिक चिकित्सा सुविधा जो उनके इलाके के डॉक्टर हैं उनसे मिल सके इस बाबत उन्होंने अपना मांग पत्र भी माननीय सचिव को दिया।